शुभान्त ! - एक शुभारंभ
कामनाएँ, मधुर कामनाएँ, शुभ कामनाएँ,
कामनाएँ आपके उज्जवल भविष्य की,
कामनाएँ हर संघर्ष की, संघर्ष में विजय की,
सविश्वास डटे रहने की, ज्ञान से झुके रहने की ।
कामनाएँ अविरत ज्ञानोपार्जन की,
कामनाएँ ज्ञान बांटने की, भटकों को मार्ग बताने की,
मंगल कामनाएँ आपके पथ प्रदर्शक जीवन की ।
इच्छाएँ, हमारी आन्तरिक इच्छाएँ,
इच्छाएँ आपसे जुड़े रहने की,
एक डोर से बंधे रहने की ।
जीवन के इस कर्मक्षेत्र में
पुनः मिलकर शस्त्र उठाने की
फिर विजय धुनी रमाने की ।
मंगल कामनाएँ आपके सुखद जीवन की ।
आशाएँ, हमें याद रखे जाने की......
कामनाएँ, मधुर कामनाएँ, शुभ कामनाएँ,
कामनाएँ आपके उज्जवल भविष्य की,
कामनाएँ हर संघर्ष की, संघर्ष में विजय की,
सविश्वास डटे रहने की, ज्ञान से झुके रहने की ।
कामनाएँ अविरत ज्ञानोपार्जन की,
कामनाएँ ज्ञान बांटने की, भटकों को मार्ग बताने की,
मंगल कामनाएँ आपके पथ प्रदर्शक जीवन की ।
इच्छाएँ, हमारी आन्तरिक इच्छाएँ,
इच्छाएँ आपसे जुड़े रहने की,
एक डोर से बंधे रहने की ।
जीवन के इस कर्मक्षेत्र में
पुनः मिलकर शस्त्र उठाने की
फिर विजय धुनी रमाने की ।
मंगल कामनाएँ आपके सुखद जीवन की ।
आशाएँ, हमें याद रखे जाने की......
सप्रेम,
-प्रकाश 'पंकज'
(यह कविता हमारे सह-कर्मी के लिए उनकी विदाई के अवसर पर )
Bahut hi achha hain... keep it up dude.
जवाब देंहटाएंachcha hai...
जवाब देंहटाएंmay I suggest you to write in chhandbadha..
आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
http://vangaydinesh.blogspot.com/